दिल्ली की लंगर सेवा: सेवा का अनोखा उदाहरण

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दिल्ली में एक अनोखी लंगर सेवा चल रही है, जो मात्र भोजन प्रदान करने से कहीं अधिक है। यह सेवा घायल व्यक्तियों को प्राथमिक चिकित्सा भी प्रदान करती है। पिछले तीन दशकों से, एक स्वंयसेवी समूह ने इस सेवा को आगे बढ़ाया है, जिसमें विभिन्न धर्मों के लोग शामिल हैं। इस लेख में, हम इस सेवा के पीछे की कहानी, इसके उद्देश्य और इसके संचालकों के अनुभवों पर चर्चा करेंगे।

सेवा की शुरुआत और उद्देश्य

दिल्ली के पश्चिमी क्षेत्र में एक गुरुद्वारे से शुरू हुई यह लंगर सेवा आज हजारों लोगों की जरूरतों को पूरा कर रही है। इसकी शुरुआत एक परिवार ने की थी, लेकिन अब इसमें विभिन्न समुदायों के लोग सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।

कमलजीत सिंह पनेसर, जो इस समूह के प्रमुख हैं, बताते हैं कि उनका समूह प्रतिदिन लगभग 3500 लोगों के लिए खाना तैयार करता है। इसके साथ ही, वे लगभग 500 लोगों को चिकित्सा सहायता भी प्रदान करते हैं। यह सेवा न केवल भोजन, बल्कि मानवता की सेवा का प्रतीक है।

घायल व्यक्तियों का सहयोग

इस लंगर सेवा का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह घायल व्यक्तियों को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करती है। डॉक्टर ताहिर हुसैन, जो पिछले 18 वर्षों से इस सेवा से जुड़े हैं, बताते हैं कि वे प्रतिदिन सुबह 7 बजे से सेवा शुरू करते हैं।

वे कहते हैं, “यहां पर सेवा करने का अनुभव एक अनमोल संतोष देता है।” उनका कहना है कि वे कभी भी छुट्टी नहीं लेते हैं, यह सेवा उनके लिए प्राथमिकता है।

विभिन्न धर्मों का सहयोग

यह सेवा विभिन्न धर्मों के लोगों द्वारा संचालित की जाती है। सभी लोग एक ही उद्देश्य के लिए एकत्रित होते हैं – मानवता की सेवा करना। प्रेमजीत सिंह पनेसर, जो भारतीय सेना से रिटायर्ड ब्रिगेडियर हैं, बताते हैं कि उनके पिता ने इस सेवा की शुरुआत की थी।

उन्होंने देखा कि कई लोग लंगर के पास आकर चिकित्सा सहायता की आवश्यकता रखते हैं। इस जरूरत को पूरा करने के लिए, उन्होंने डॉक्टरों की मदद से प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने का निर्णय लिया।

स्वयंसेवकों की भूमिका

स्वयंसेवक इस सेवा का अभिन्न हिस्सा हैं। वे न केवल भोजन तैयार करते हैं, बल्कि घायल व्यक्तियों की सहायता भी करते हैं। कमलजीत बताते हैं कि यह सेवा केवल खाना देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानवता की सेवा का एक बड़ा उदाहरण है।

  • स्वयंसेवकों की संख्या: हजारों लोग इस सेवा से जुड़े हैं।
  • सेवा का समय: यह सेवा हर दिन चलती है, बिना किसी छुट्टी के।
  • प्राथमिक चिकित्सा: घायल व्यक्तियों को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान की जाती है।

कोविड-19 और चुनौतीपूर्ण समय

कोविड-19 के दौरान, इस सेवा ने और भी अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लॉकडाउन के समय में, जब लोगों को भोजन और चिकित्सा की आवश्यकता थी, तब इस समूह ने आगे बढ़कर मदद की।

कमलजीत बताते हैं कि कठिन समय में लोग अधिक सहयोग करते हैं। “जब हालात मुश्किल होते हैं, तब लोग एकजुट होकर सेवा करने के लिए तैयार होते हैं,” वे कहते हैं।

भविष्य की दिशा

इस लंगर सेवा का भविष्य उज्ज्वल है। समूह के सदस्य इसे और विकसित करने की योजना बना रहे हैं। वे नए प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं, जिसमें चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार और अधिक स्वयंसेवकों को शामिल करना शामिल है।

कमलजीत का मानना है कि सेवा का यह कार्य केवल भोजन और चिकित्सा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में एकता और सहयोग का प्रतीक है।

निष्कर्ष

दिल्ली की यह लंगर सेवा न केवल भूख को मिटाने का कार्य करती है, बल्कि यह मानवता के प्रति एक गहरा समर्पण भी दिखाती है। विभिन्न धर्मों के लोग मिलकर जो सेवा करते हैं, वह इस बात का प्रमाण है कि जब हम एकजुट होते हैं, तो हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।

यह सेवा हमें यह सिखाती है कि सच्ची खुशी और संतोष केवल दूसरों की सेवा करने में ही है। अगर आप भी इस सेवा का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो आप अपने समय या संसाधनों के साथ योगदान कर सकते हैं।

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