KASHMIR घाटी में ठंड ने सभी जगहों पर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। SRINAGAR में इस मौसम की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई, जब तापमान -5.4 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। जम्मू और KASHMIR के कई स्थानों पर तापमान शून्य से नीचे चला गया है। सोनमार्ग सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां तापमान -9.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। गुलमर्ग, जो एक प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट है, वहां तापमान -9 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया।
सरकार ने लोगों को सलाह दी है कि वे ठंड से बचने के लिए आवश्यक एहतियात बरतें। ठंड की वजह से दैनिक जीवन, जैसे पानी की आपूर्ति और यात्रा पर भी असर पड़ा है। इस ठंड के कारण पर्यटन में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। भारत के मौसम विभाग ने बताया कि यह तापमान में गिरावट कड़ाके की ठंड की शुरुआत को दर्शाता है, जो पूरे उत्तर भारत में फैलेगी।

चिल्लाई कलन की शुरुआत
KASHMIR में ठंड की सबसे कठिन अवधि, जिसे चिल्लाई कलन कहते हैं, 21 दिसंबर से शुरू होगी। इस समय के दौरान, KASHMIR के लोग कड़ी ठंड का सामना करते हैं। इसके अलावा, ला नीना प्रभाव से ठंड और वर्षा की स्थिति और बिगड़ सकती है। मौसम कार्यालय ने अगले 10 दिनों में KASHMIR में सूखी मौसम की भविष्यवाणी की है, लेकिन उच्च क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी की संभावना है।
पर्यटन में वृद्धि
SRINAGAR में ठंड के बावजूद, पर्यटन में वृद्धि देखने को मिली है। हाल ही में हुई बर्फबारी ने पर्यटकों को आकर्षित किया है। पर्यटक KASHMIR की सर्दियों का अनुभव करने के लिए आए हैं। हालाँकि, ठंड के कारण तापमान में गिरावट आई है, लेकिन यह पर्यटकों के लिए एक आकर्षण बन गया है।

सर्दियों का चरम
जम्मू और KASHMIR के अन्य क्षेत्रों में भी तापमान में गिरावट आई है। जैसे कि चोपान जिले में तापमान -8.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। लद्दाख क्षेत्र में भी ठंड की स्थिति गंभीर है, जहां लेह में तापमान -13.2 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। ज़ीला, जो उत्तर भारत का सबसे ठंडा स्थान है, वहां तापमान -20 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
इन ठंडे तापमानों के कारण, SRINAGAR के केंद्र में रहने वाले लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। डल झील और अन्य जल निकायों में बर्फ जमने की शुरुआत हो गई है, और यदि तापमान -6 डिग्री सेल्सियस के नीचे चला जाता है, तो अधिक जल निकायों में भी बर्फ जमने की संभावना है।

भविष्यवाणी और तैयारी
मौसम विभाग ने केवल 13 दिसंबर को एक दिन बर्फबारी की भविष्यवाणी की है, जो ठंड से राहत दे सकती है। लेकिन इसके बाद, एक सप्ताह तक सूखे मौसम की आशंका है, जिससे तापमान में और गिरावट आएगी। पिछले तीन वर्षों में, ला नीना प्रभाव का असर KASHMIR के मौसम पर दिखेगा। इस बार, KASHMIR में ठंडी और अधिक बर्फबारी की उम्मीद है।
हालांकि, पिछले तीन वर्षों में KASHMIR में बर्फबारी की कमी रही है, जिससे पर्यावरणविद चिंतित हैं। वे देख रहे हैं कि पहाड़ों पर बर्फ तेजी से पिघल रही है। KASHMIR के लोग इस साल अधिक बर्फबारी की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि गर्मियों में बर्फ पिघलने से पहले अधिक बर्फ जमा हो सके।

इस तरह, KASHMIR में ठंड का मौसम न केवल लोगों के लिए चुनौतियाँ लेकर आया है, बल्कि यह पर्यटन के लिए भी एक अवसर बन गया है। लोग इस ठंड में KASHMIR की खूबसूरती का अनुभव करने के लिए आ रहे हैं, और यह क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है।